Friday, August 19, 2011

दोस्ती क्या है


प्यार जीवन का सलोना गीत है।
ये वही है साज जिसमें प्रीत का संगीत है।
जय-पराजय की नहीं इसमें जगह,
जीत में भी हार है और हार में भी जीत है।।

दो दिलों का प्यार पाने के लिए,
दोस्ती होती निभाने के लिए।
देखकर जिसको खुशी मिलने लगे,
फूल होता है चमन में खिलखिलाने के लिए।


8 comments:

  1. बहुत ही खुबसूरत....

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  2. प्यार जीवन का सलोना गीत है।
    ये वही है साज जिसमें प्रीत का संगीत है।
    जय-पराजय की नहीं इसमें जगह,
    जीत में भी हार है और हार में भी जीत है।।
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! लाजवाब रचना!

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  3. वाह!
    दोनों ही मुक्तक बहुत सुन्दर हैं!
    अब तो आप बहुत अच्छा लिखने लगी हैं!

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  4. प्यार के कोमल भाव लिए ... गहरे एहसास लिए रचना ...

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  5. बहुत खूब ! गहन सन्देश देती बहुत सार्थक प्रस्तुति..

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  6. अन्ना जी को ताकत देना, लोकपाल को लाने की।
    आज जरूरत है जन-मन के सोये भाव जगाने की।।

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  7. सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति....

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