Friday, June 24, 2011

पौधा की कविता

*पौधा  की कविता *



मुझे कभी  न कभी थोडा - सा पानी  अवशय देना !
सीच  दो जड़ मे ; 
कडी से कडी धूप से भी लड़कर मैं दूगा !!
भृमरो  को पीयूष , रगं बिरंगे :
मनमोहक सुगन्नध !फ़ल भी दूगा  !!
चाहे  तुम खाओ, मित्र को दो ;
तुम अपने दिन खूशी से बिताओ  !!
लेकिन मूझे भी चहाँ जीने दो ;
भगवान ने सबको दी है यह  धरती !!
मुझे भी इसमे जीने का हक है ;
सीचना अव्शय !!
मुझे कभी  न कभी थोडा - सा पानी  अवशय देना !!!






3 comments:

  1. पानी देते रहो, ये पेड जरुर बडा होगा।

    ReplyDelete
  2. भगवान ने सबको दी है यह धरती !!

    its true..nice poem..

    ReplyDelete
  3. सुन्दर रचना।
    अहिन्दीभाषी क्षेत्र की महिला हिन्दी में ब्लॉगिंग कर रही है।
    यह देखकर अच्छा लग रहा है।

    ReplyDelete

मैं अपने ब्लॉग पर आपका स्वागत करती हूँ! कृपया मेरी पोस्ट के बारे में अपने सुझावों से अवगत कराने की कृपा करें। आपकी आभारी रहूँगी।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

लिखिए अपनी भाषा में