माँ
माँ शब्द दिल से कहते ही मानों हमारा सारे दुःख दूर हो जाते है |
मानों हमें दुनिया का सुख मिल जाता है !"माँ " हमें सबसे जयादा
प्यार करती है ||
माँ घर मे सबसे पहले उठती है /सबके लिय खाना आदि बनाती है /
सबके जरुरत का ध्यान रखती है/समय समय पर सब का काम करती है
से मुह नाहे मोड़ती |वह घर मे सबको मिलकर रहना है |बच्चो के सुख
को ही अपना सुख मानतीहै |वह कभी किसी से गुस्सा नही करती |
कोई गलत बात बोले तो भी चुप हीरहती है |फिर भी उसका भला ही चाहती है|
हमने भगवान को नही देखा |पर हम अपनी माँ में ही भगवान को देख सकते है |
Vidhya ji -bahut sundar bhavon ko abhivyakt kiya hai .aap ki is post ko maine ''http://pyarimaan.blogspot.com'' par prastut kiya hai .aap is url par aakar avlokan karen .aabhar
ReplyDeleteबहुत सुंदर.. मुनव्वर राना की दो लाइने याद आ रही हैं
ReplyDeleteमां मेरे गुनाहों को कुछ इस तरह से धो देती है
जब वो बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है ।।
maa hoti hi aisi hai....yeh shabd hi apne aap mein prem ka sagar hai.
ReplyDeleteaapke blog par aa kar accha laga.aabhar
माँ से बढकर भी कुछ हो सकता है।
ReplyDeleteNice pictures...
ReplyDeleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteवाह ! कितनी सुन्दर पंक्तियाँ हैं ... मन मोह लिया इस चित्र ने तो !
ReplyDeleteकितनी सुंदर पोस्ट .....माँ से अच्छा कुछ नहीं....
ReplyDeletewell vidhya jee...your blog is informative and interesting...
ReplyDeletebahut achchi hai aapki yah rachna..
ReplyDeletemere bhi blog me aaye aur achchha lage to jarur follow karen.
www.pradip13m.blogspot.com
ब्लॉग़जगत में आपका स्वागत है...
ReplyDelete