The Bharat Scout and Guide
मेरी छोटी सी कहानी
मेरा उम्र करीब ५ साल की थी |तब से मै स्काउटिंग करती थी|
स्काउटिंग से मुझे इतना प्यार था कि मेरा शरीर का एक अंग था |
स्काउटिंग मे मैने इतने कुछ सीखे की मै कह नहीं सकती मगर
मरे ३५ साल उस पर ही लगा डाली |इस बीच मेरी शादी बी हो गए |
हर एक का जैसे अरमान थे वैसे ही मारा भी अरमान था |
मगर हो नाहे पाया /मगर एक अरमान रह गया मेरा पंचमढ़ी जाने का |
स्काउटिंग मुझे कुछ दिया मगर मुझसे सब कुछ ले लिया |
ऐईसा कभी किसी को नही होना |
जो स्काउटिंग को प्यार करता है उसका इजात देना चाहिय |
ना की काम निकल जाने से उसे हटा देना चाहिए |
मगर तब भी मै हमेसा से स्काउटिंग को प्यार करती रहगी|
मै स्काउटिंग को जान से भी जादा प्यार करती हु
मै कलकता मे अपना पढाई की हु howrah जिले मै ||
हर। देश। मे तु
हर। देश। मे तु, हर। भेश। मे तु
तेरे नाम। अनेक। तु एक। हि है
तेरि रनग। भुमि यह। विशव। भरा
सब। खेल। मे, मेल। मे तु हि तो है
सगर। से उठा बदल। बन।के
बदल। से फ़ुटा जल। हो कर।के
फिर। नहर। बना नदिया गहरि
तेरे भिन्ना परकर। तु एक। हि है
छोटी से भि अनु पर।मानु बना
सब। जिव। जगत। का रुप। लिया
कहि परवत। वरुक्षा विशाल। बना
सौनदरया तेरा तु एक। हि है
यह। दिवया दिखया है जिस।ने
वह। है गुरु देव। कि पुरन। दया
तुक।दया कहे कोइ ना और। दिखा
बस। मैं और। तु सब। एक। हि है
हर। देश। मे तु, हर। भेश। मे तु
तेरे नाम। अनेक। तु एक। हि है
निराला अंदाज है. आनंद आया पढ़कर.
ReplyDeleteGood post
ReplyDeleteसुन्दर कविता ! कृपया हिंदी का उच्चारण ठीक करें !!
ReplyDeleteati sundar.
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