|मेरे सेवा केंद्र के
कैंसर पीड़ितों की तरफ से
कैंसर पीड़ितों की तरफ से
चारो तरफ गहरा धुआं
कलेजे में चुभता सुआ
आपकी हर अदा अच्छी
मोतिया-बिन्द जो हुआ
पैरासिटामाल खाई फिर भी
दर्द ने दिल भी छुआ
चाँद को घूरो मत ऐसे
वो न रोटी न पुआ |
दर्द में काम आये विद्या
प्रभु से करता मैं दुआ ||
आशीष देती रचना |
ReplyDeleteसच में विद्या जी आप का सेवा कार्य
सराहनीय है ||
कैंसर रोगी जिन्हें और कहीं शरण नहीं मिली आप उनकी सेवा कर रही हैं ||
आपको बहुत बहुत बधाई ||
विद्या जी आप भगवान का दूसरा रूप बन इस धरती पर सेवा कार्य कर रही हैं .प्रभु आपको शक्ति दें .आभार
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.
ReplyDeleteकल 18/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत बेहतरीन!!!!
ReplyDeleteवाह क्या बिम्ब बनाये है
ReplyDeleteबेहतरीन रचना
aapke prayaas ko naman hai
ReplyDeleteकाफी सराहनीय प्रयास है आपका. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteसुन्दर और सराहनीय प्रयास बधाई और शुभकामनायें |
ReplyDeleteatyant sundar!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.
ReplyDeleteसुन्दर और सराहनीय प्रयास बधाई और शुभकामनायें
सराहनीय प्रयास।
ReplyDeleteअच्छे प्रयास के लिए बधाई \
ReplyDeleteआशा
बहुत सुन्दर और लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
लिखने का अंदाज़ सबसे हटके बहुत अच्छा लगा :)
ReplyDeleteरचना बहुत सुन्दर :)
विद्या जी हार्दिक अभिनन्दन और आभार -सुन्दर ब्लॉग है आप का हम तो समर्थन दे चुके हैं आप को -----यदि आप को भी हमारे सभी ब्लॉग से कुछ पसंद आयें तो फालो कर समर्थन दें -
ReplyDeleteदो रोटी की खातिर अब तो ..रचना मुम्बई ब्लास्ट पर आधारित है दर्द से भरी -दर्द से छटपटाते लोग कर्कश प्रहार तो करेंगे ही --आप का समर्थन मिला हर्ष हुआ
भ्रमर ५
समय मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी पधारें कभी -लिंक हैं,
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
http://surenrashuklabhramar5satyam.blogspot.com,
रस रंग भ्रमर का
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भ्रमर की माधुरी
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भ्रमर का दर्द और दर्पण
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shukl bhramar5