1.फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं,
संपत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं। परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा है।
- तुलसीदास
2.चाहे गुरु पर हो या ईश्वर पर, श्रद्धा अवश्य रखनी चाहिए।
क्यों कि बिना श्रद्धा के सब बातें व्यर्थ होती हैं।
- समर्थ रामदास
3.जिस प्रकार रात्रि का अंधकार केवल सूर्य दूर कर सकता है,
उसी प्रकार मनुष्य की विपत्ति को केवल ज्ञान दूर कर सकता है।
- नारदभक्ति
4.जय उसी की होती है जो अपने को संकट में डालकर कार्य संपन्न करते हैं।
जय कायरों की कभी नहीं होती।
- जवाहरलाल नेहरू
5.मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से लोभ को दान से
और झूठ को सत्य से जीत सकता है।
- गौतम बुद्ध
6.लोहा गरम भले ही हो जाए पर हथौड़ा तो ठंडा रह कर ही काम कर सकता है।
- सरदार पटेल
7.जिस मनुष्य में आत्मविश्वास नहीं है वह शक्तिमान हो कर भी कायर है
और पंडित होकर भी मूर्ख है।
- राम प्रताप त्रिपाठी
8.समय परिवर्तन का धन है। परंतु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के
रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं।
- रवींद्रनाथ ठाकुर
9.मुस्कान थके हुए के लिए विश्राम है, उदास के लिए दिन का प्रकाश है
तथा कष्ट के लिए प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार है।
- अज्ञात
10.जिस काम की तुम कल्पना करते हो उसमें जुट जाओ। साहस में प्रतिभा,
शक्ति और जादू है। साहस से काम शुरु करो पूरा अवश्य होगा।
- अज्ञात
बहुत सुन्दर ||
ReplyDeleteबधाई ||