Thursday, July 7, 2011

घर में तुलसी का पौधा क्यों जरूरी?


तुलसी का पौधा
अधिकांश हिंदू घरों में तुलसी का पौधा अवश्य ही होता है। तुलसी घर में लगाने की प्रथा हजारों साल पुरानी है। तुलसी को दैवी का रूप माना जाता है। साथ ही मान्यता है कि तुलसी का पौधा घर में होने से घर वालों को बुरी नजर प्रभावित नहीं कर पाती और अन्य बुराइयां भी घर और घरवालों से दूर ही रहती है। यह तो है तुलसी का धार्मिक महत्व, परंतु विज्ञान के दृष्टिकोण से तुलसी एक औषधि है। आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बुटि के समान माना जाता है। तुलसी में कई ऐसे गुण होते हैं जो बड़ी-बड़ी जटिल बीमारियों को दूर करने और उनकी रोकथाम करने में सहायक है। तुलसी का पौधा घर में रहने से उसकी सुगंध वातावरण को पवित्र बनाती है और हवा में मौजूद बीमारी के बैक्टेरिया आदि को नष्ट कर देती है। तुलसी की सुंगध हमें श्वास संबंधी कई रोगों से बचाती है। साथ ही तुलसी की एक पत्नी रोज सेवन करने से हमें कभी बुखार नहीं आएगा और इस तरह के सभी रोग हमसे सदा दूर रहते हैं। तुलसी की पत्नी खाने से हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है। 

तुलसी जैसी कोई नहीं
1.ऐसा कहा जाता है कि तुलसी में 27 खनिज होते हैं।
2.तुलसी की गंध के दायरे में रखी चीजें आसानी से सड़ती नहीं हैं। यहाँ तक कि मृत शरीर को भी नष्ट होने से यह रोकती है। शायद इसीलिए मृतप्रायः व्यक्ति के मुँह में तुलसी रखने की परंपरा रही है। खाद्य सामग्री और शीतल पेय पदार्थों में तुलसी रखने से उन्हें काफी समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। प्रातः समय स्नान के पश्चात तुलसी के पौधे के पास बैठने से उसकी गंध व्यक्ति के तन, मन और आत्मा को उदात्त भाव से भर देती है। 
3.हमें तुलसी को छोटे गमलों में लगाकर घर के हर कमरे में रखना चाहिए। रात के समय गमलों को घर से बाहर खुले में रखना चाहिए। बालकनी और गलियारों में भी इसके गमले रखे जा सकते हैं। 
तुलसी द्वारा कुछ घरेलू उपचार
जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी की मात्र 5 पत्तियाँ खाता है, वह कई बीमारियों से बच सकता है। 

प्रातःकाल खाली पेट 2-3 चम्मच तुलसी के रस का सेवन करें तो शारीरिक बल एवं स्मरण शक्ति में वृद्धि के साथ-साथ आपका व्यक्तित्व भी प्रभावशाली होगा। 

यदि तुलसी की 11 पत्तियों का 4 खड़ी कालीमिर्च के साथ सेवन किया जाए तो मलेरिया एवं मियादी बुखार ठीक किए जा सकते हैं।
4-5 भुने हुए लौंग के साथ तुलसी की पत्ती चूसने से सभी प्रकार की खाँसी से मुक्ति पाई जा सकती है। 

तुलसी की पत्तियों को नींबू के रस के साथ पीस कर पेस्ट बनाकर लगाने से एक्जिमा एवं खुजली के रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है।
तुलसी रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित करने की क्षमता रखती है। 
07.07.2011

7 comments:

  1. बहुत सुन्दर |
    विदेशी धरती पर ध्यान आ ही जाती है तुलसी ||
    यहाँ पर लोग कम ध्यान देते हैं शायद ||
    बड़ी चमत्कारी है तुलसी ||

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  2. तभी तो मेरे घर में बीसियों पौधे है,

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  3. तुलसी का पौधा//बहुत उपयोगी..

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  4. नमस्कार ! सुन्दर , मनोहारी एवं उपयोगी प्रस्तुति के लिए बधाई . कृपया यहाँ देखिए

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  5. tulsi ki mahima aprampar.aapki ye post bahut gunkari hai

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  6. तुलसी पर बहुत सुन्दर जानकारी..
    कृपया जारी रखें शुभकामनायें..

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  7. तुलसी की 'पत्ती' की जगह 'पत्नी' हो गया है। हो सके तो सुधार लें।
    अन्यथा ना लें।

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