Monday, July 11, 2011

pyar - प्यार -



हर किसी का दर्द हु मै,
वह नह जाने  कियु  ?
मेरे अंदर कितने दर्द छिपा है 
वह न जाने कोई|
उनके  यादो मे ,
आसू मोतियों के तरह गिरता ||
मगर उन्हे खबर ही  नहीं |
प्यार को मजाक बनाके रख दिया |
वह क्या जाने प्यार क्या है ||
प्यार भगवान की खुबसुरत  देंन है 

8 comments:

  1. दर्द तो रुकने का नाम नहीं लेता, खास कर जब दांत में हो तो

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  2. बहुत ही खुबसूरत प्रस्तुती....

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  3. मेरे अंदर कितने दर्द छिपा है
    वह न जाने कोई
    beautiful lines

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  4. सच कहा ... प्यार भगवान की सुन्दर दें है ... प्यार में ही जीवन है ...

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  5. बहुत सुन्दर रचना..

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  6. सब कुछ प्यार के ही गिर्द घूम रहा है .सूरज चाँद सितारे सभी इसी आकर्षण से बंधें बिंधें हैं .

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  7. आये थे तेरे दर पे दवा की खातिर
    दर्दे दिल ले लिया, दिल की खातिर

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