Monday, July 11, 2011

जरा हंस ले बब्चे भी कमल के

जरा हंस ले बब्चे भी  कमल के 
बच्चे भी  क्या -२ नही कर सकते है|
वह एक फुल के तरह है|
मगर बहुत कुछ
 हमारे देश की शान है वह ||



3 comments:

  1. आपका प्रयास सराहनीय है ,परन्तु हिंदी सुधारनी पड़ेगी ,इस लिए किसी का सहयोग लेंगी तो अछा रहेगा

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  2. कृपया "अछा" को
    'अच्छा" पढ़ें

    ReplyDelete

मैं अपने ब्लॉग पर आपका स्वागत करती हूँ! कृपया मेरी पोस्ट के बारे में अपने सुझावों से अवगत कराने की कृपा करें। आपकी आभारी रहूँगी।

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