अगर आज पेड़ लगाने का संकल्प नहीं किया तो कब करेगे ....अभी भी हाँथ मे रेत की तरह फिसलता वक़्त आवाज़ लगा रह है की खुद को बचा लीजिये और हमें भी । जो छोटा सा पौधा महीनो- सालो के सफ़र के बाद एक पेड़ बनता है उसको मारना -काटना बंद करना होगा । नहीं तो जब पेड़ ही नहीं बचेगे तो हमारे बचने का सवाल ही कहा बनता है।अब खुद को इतना स्वार्थी भी ना बना ले की अपनी ही जड़ो को काटते चले जाये और जब कहर का पहाड़ हम पर टूटे तो गला फार -फार के .....आवाज़ लगाये और कोंई सुन ना पाए । संकल्प करे तभी हम बचा लेगे धरती को .......
पेड़ लगाने
शाश्वत सत्य है कि वन ही जीवन है.सार्थक संदेश.
ReplyDeleteअगर आज पेड़ लगाने का संकल्प नहीं किया तो कब करेगे ....संकल्प करे तभी हम बचा लेगे धरती को .......
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने! हुत ही सार्थक और सारगर्भित पोस्ट.
हार्दिक बधाई.
संकल्प करे तभी हम बचा लेगे धरती को ...
ReplyDeleteविद्या जी, आप ने बहुत सही कहा है ..आज दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है क्योंकि हम इंसान हो कर भी अपने ही वातावरण को दूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते ! इस दृष्टि से आप की कोशिश बहुत काबिले तारीफ है ! आप भी मेरे ब्लॉग में ज़रूर शामिल हो.
शुभकामनाये!!
आशु
हम बडों को इन बच्चों से ही सीखना पडेगा शायद!
ReplyDeletesateek lekh.....!!
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने,
ReplyDeleteसारगर्भित पोस्ट.
हार्दिक बधाई.
bilkul sahi kaha aapne
ReplyDeleteaabhar
aap mere blog par aaye
ReplyDeletesukriya
agar aapko blog thik laga ho to kripya blog ka anusaran kar kratardh kare
पेड लगाना हमारी जरूरत ही नहीं मजबूरी बन गया है, यदि हम इस धरती पर जिंदा रहना चाहते हैं तो।
ReplyDeleteइस सार्थक सोच को ऐसे ही बढाने की आवश्यकता है।
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बेहतर लेखन की ‘अनवरत’ प्रस्तुति।
अब आप अल्पना वर्मा से विज्ञान समाचार सुनिए..