मादा कोयल
कोयल कू कू कराती है॥ बच्चो का मन भारती है॥
कोयल या कोकिल 'कुक्कू कुल' का पक्षी है, जिसका वैज्ञानिक नाम 'यूडाइनेमिस स्कोलोपेकस स्कोलोपेकस' है। नर कोयल नीलापन लिए काला होता है, तो मादा तीतर की तरह धब्बेदार चितकबरी होती है। नर कोयल ही गाता है। उसकी आंखें लाल व पंख पीछे की ओर लंबे होते हैं। नीड़ परजीविता इस कुल के पक्षियों की विशेष नेमत है यानि ये अपना घोसला नहीं बनाती। ये दूसरे पक्षियों विशेषकर कौओं के घोंसले के अंडों को गिरा कर अपना अंडा उसमें रख देती है। स्वभाव से संकोची यह पक्षी कभी किसी के सामने पडऩे से कतराता है। इस वजह से इनका प्रिय आवास या तो आम के पेड़ हैं या फिर मौलश्री के पेड़ अथवा कुछ इसी तरह के सदाबहार घने वृक्ष, जिसमें ये अपने आपको छिपाए हुए तान छेड़ता है।
vidhya ji bahut achchhi jankari dee hai aur koyal ke photo aur usse sambandhit song to bahut man bhaye.aabhar.
ReplyDeletebahut achchhi post.shandar prstuti.
ReplyDeletevidhya ji..very nice.....welldone....likhte rahe...congrates:)
ReplyDeletebahut achchhi post.shandar prstuti.
ReplyDeleteThank you for visiting my blog!
जानकारीपरक लेख
ReplyDeleteसुंदर चित्र
bahut badiya chitron ke saath sundar prastuti..
ReplyDeletebahut achchhi jaankari...sundar chitr.
ReplyDeleteblag jagat me aapka swagat hai....
kalam abaadh chalti rahe...
sunder gynaverdhak lekh .....bahut acch laga....
ReplyDeleteआप का ब्लाग देखा। सुंदर है। अच्छी और ज्ञानवर्धक जानाकारियाँ हैं इस पर। बधाई!
ReplyDeleteज्ञानवर्धक जानकारी अच्छा लगा ब्लॉग ,उज्जवल भविष्य कि शुभकामना
ReplyDeleteअच्छा लगा आपका ब्लॉग...
ReplyDeleteइसी तरह सार्थक लिखती रहें...शुभकामनाएं...
कोयल के बारे में जानकारी पढकर और चित्र देखकर बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteसार्थक लेखन के लिए बधाई.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (09.07.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
अच्छा लगा आपका ब्लॉग.
ReplyDeleteआपका ब्लॊग्जगत मे स्वागत है!
ReplyDeleteअभी तक कोयल को काले रंग में ही देखा है सुनहरे भूरे रंग के सम्मिश्रण सहित.आपने बिल्कुल ही नई जानकारी सचित्र दी है.पुरानी पोस्ट भी ज्ञानवर्धक और रोचक है. मेहनत जरूर रंग लायेगी.बधाई.
ReplyDeleteज्ञानवर्धक जानकारी
ReplyDeleteअस्वस्थता के कारण करीब 20 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
ReplyDeleteआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,
एक तथ्य और कोयल स्वभाव से शाकाहारी है .लेकिन मादा कोयल कौवे के घोंसले में अंडा जनने के बाद अपना अंडा वहां छोड़ देती है और एक अंडा कौवी का लेके उड़ जाती है .यही इसका उत्तर प्रसव पहला आहार होता है .पक्षी विज्ञानियों ने इनका पीछा करके यह तथ्य उद्घाटित किया है .बच्चा भी कोयल परिवार (कक्कू )का बड़ा फितरती होता है .एक एक करे कक्कू वंश के बच्चों को घोंसले से गिराता रहता है .अच्छी पोस्ट के लिए आपको बधाई .
ReplyDeleteएक तथ्य और कोयल स्वभाव से शाकाहारी है .लेकिन मादा कोयल कौवे के घोंसले में अंडा जनने के बाद अपना अंडा वहां छोड़ देती है और एक अंडा कौवी का लेके उड़ जाती है .यही इसका उत्तर प्रसव पहला आहार होता है .पक्षी विज्ञानियों ने इनका पीछा करके यह तथ्य उद्घाटित किया है .बच्चा भी कोयल परिवार (कक्कू )का बड़ा फितरती होता है .एक एक करे कक्कू वंश के बच्चों को घोंसले से गिराता रहता है .अच्छी पोस्ट के लिए आपको बधाई .
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