विज्ञान ने लाभ तथा हानिया
आज विज्ञान का युग है मनुष्य कम से कम मेहनत करके सुख पाना चाहता
है| उसके लिए तरह तरह के मशीने बनाता जा रहा है | नई- नई चीजो का
आविष्कार करता जा रहा है |इसी का नतीजा है -- बिजली ,रेडियो ,कंप्यूटर
सेलफोने आदि ||
विज्ञानं हमारे जीवन के लिए एक वरदान है |चिकित्सा ,इंजीनियरिग आदि के
संबंध में बहुत उन्नति की है | विज्ञानं के कारण मनुष्य अधिक सभ्य बन गया है |
सारे कम बिजली ले द्रारा ही होते है | बिजली को अपने जीवन से अलग नही किया जा सकता |विज्ञानं की सहायता के ही समाचार - पत्र ,किताबे आदि छपते है |खेतो में अनाज की उपज बढ़ाने के लिए ट्रेक्टर बनाये गये है कपड़ो की जरूरत पूरी करने के लिए तरह तरह की मशीने बनाई गई|विज्ञानं की मदद से कम समय में अधिक चीजे बनाई जाती है
देश की रक्षा के लिए विज्ञानं की मदद से मनुष्य ने तरह तरह के हथियार बनाये | लेकिन साथ ही इन हथियारों से देशो का नाश भी करते है |विज्ञानं के कारण बेकारी और बेरोजगारी बढती जा रही है |
विज्ञानं से मनुष्य की जरूरते बढ़ गयी है |इसमे मनुष्य और दुखी होता है
इस तरह विज्ञानं एक तरह से वरदान है तो दूसरी तरह से शाप भी है |
इस तरह विज्ञानं एक तरह से वरदान है तो दूसरी तरह से शाप भी है |
विज्ञान ने हमको लाभ ज्यादा दिया है, वो अलग बात है कि अपने स्वार्थ के वजह से हमने उसे हानि में बदल दिया है।
ReplyDeletesahi kaha aapne...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई ||
Interesting .
ReplyDeleteआज जितने इलाके जितनी खिड़कियाँ विज्ञान ने खोली हैं पहले कहाँ थीं .आज प्रोद्योगिकी ने हर क्षेत्र में नए उद्यम के रास्ते खोलें हैं .विज्ञान जब धूर्तों के हाथों में पड़ता है तो अनर्थ करता है .इसमें दोष विज्ञान का नहीं उसके प्रयोक्ता का है .
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आपके ब्लाग पर आकर। नवगीत और हाइकु में यदि आपकी रुचि है तो यहाँ भी देखें और ब्लाग की सदस्यता ग्रहण कर अनुग्रहीत करें।
ReplyDeletewww.navgeet.blogspot.com
www.haikudarpan.blogspot.com
www.vyomkepar.blogspot.com
bahut kuch janne ko mila hai
ReplyDeletehame bhi kuchh janane ko hi mila..........:)
ReplyDeleteआपकी बातों से सहमत।
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया लेख बहुत ही अच्छा लगा पढ़ कर !
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteविज्ञानं से मनुष्य की जरूरते बढ़ गयी है |इसमे मनुष्य और दुखी होता है .इस तरह विज्ञानं एक तरह से वरदान है तो दूसरी तरह से शाप भी है |
ReplyDeleteहर सिक्के के दो पहलू होते है .यहाँ भी है .
विज्ञान वरदान भी है औा अभिशाप भी।
ReplyDeleteअच्छा लेख।
वाह!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पोस्ट!
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पूरे 36 घंटे बाद नेट पर आया हूँ!
धीरे-धीरे सबके यहाँ पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ!
बहुत अच्छा लगा आपके ब्लाग पर आकर।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति|
ReplyDeleteविषय अच्छा है किंतु यह कहना ठीक नहीं कि विज्ञान के कारण बेकारी और बेरोजगारी बढती जा रही है| विज्ञान के कारण ही रोज़गार के इतने अवसर बढ़े हैं। हमने स्वयं विज्ञान के लिए कितनी चुनौतियां खड़ी की हैं,इस पर भी चिंतन होना चाहिए।
ReplyDeleteबढ़िया लेख.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया और दिलचस्प लगा! अच्छी जानकारी मिली!
ReplyDeleteAapne bahut achha likha
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