सब कुछ लूटकर भी हम अपना,
कुछ पाने की आस लगाये बैठे है.
सीने में सुलग रही है अरमान कई ,
जिन्हें अपना दोस्त बनाये बैठे है.
जानते है तुम साथ नही मात्र हो,
फिर भी हम तुमको अपनी धड़कन बना बैठे है
जब से मिला है .....
दिल की नाज़ुक धडकनों को
मेरे सनम तुमने धडकना सिखा दिया
जब से मिला है तेरा प्यार दिल को
ग़म ने भी मुस्कुराना सिखा दिया .
कुछ पाने की आस लगाये बैठे है.
सीने में सुलग रही है अरमान कई ,
जिन्हें अपना दोस्त बनाये बैठे है.
जानते है तुम साथ नही मात्र हो,
फिर भी हम तुमको अपनी धड़कन बना बैठे है
जब से मिला है .....
दिल की नाज़ुक धडकनों को
मेरे सनम तुमने धडकना सिखा दिया
जब से मिला है तेरा प्यार दिल को
ग़म ने भी मुस्कुराना सिखा दिया .
sundar rachana sadhuvaad
ReplyDeletevidhya ji main bhi ek blog khole hun agar aap vahan aakar dekhengi to mera utsaah vardhanhoga
www.adarsh-vyavastha-shodh.com
बहुत खूब ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना लिखी आपने् तो!
ReplyDeleteचित्र भी बहुत शानदार लगाए हैं इसके साथ!
--
स्नेह से बढ़ता हमेशा स्नेह है!
प्यार का आधार केवल नेह है!!
शुष्क दीपक स्नेह बिन जलता नही,
स्नेह बिन पुर्जा कोई चलता नही,
आत्मा के बिन अधूरी देह है!
प्यार का आधार केवल नेह है!!
जानते है तुम साथ नही मात्र हो,
ReplyDeleteफिर भी हम तुमको अपनी धड़कन बना बैठे है ... achhi abhivyakti
बहुत अच्छे से सजाया है आपने अपने भावों को।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteसुंदर खयाल हैं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव संयोजन्।
ReplyDeleteबहुत उम्दा!!!
ReplyDeleteas per your wish i am following your blog , if you liked my blog then join hands .
ReplyDeletesundar
ReplyDeleteवाह! बहुत सुन्दर...प्यार की ताक़त बेजोड़ होती है...प्यार कुछ भी कर सकता है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव लिए रचना |बधाई आप का अमृत कलश पर आ कर टिप्पणी करने के लिए आभार |यदि यहाँ आ कर अच्छा लगता है तो अनुसरण कर हौसला बढ़ाएँ
ReplyDeleteआशा
कुछ पाने की आस ही हमें कभी हारने नही देती....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteबधाई स्वीकार करें ||
bhaut hi prerak rachna...
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