हमें इंतजार था जिनका हजार शिद्दत से
न वो आए न पैगाम उनका
उन्हें हम मान बैठे हैं मोहब्बत का खुदा
जो इंसान बनकर भी, न मेरे काम आए
फिर भी यारों ये दिल है कि मानता नहीं
सुबह से शाम हो गई इंतजार में उनके
.....पर न वो आए न पैगाम उनका
करूंगा इंतजार कयामत तक उनके आने का
क्या पता उस रोज ही वो रहम खाएं
जहां जिस हाल में हो तुम सदा खुश रहना
हमें तो सदियों तक इंतजार का इरादा है
बहुत सुन्दर रचना , बहुत खूबसूरत अंदाज बधाई
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, बहुत खूबसूरत....
ReplyDeleteग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
मोहक भावपूर्ण बहुत बहुत सुन्दर...
ReplyDeletebhtrin prstuti ..akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteप्रेम बहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteसभी ने बढिया कहा है। पर अन्यथा ना लें ऐसे बेवफा, बेमुर्रवत का क्यों इंतजार करना जो कभी भी काम नहीं आया।
ReplyDeleteवाह बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteब्लॉग की 100 वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है!
!!अवलोकन हेतु यहाँ प्रतिदिन पधारे!!
atisundar prembhaaw...
ReplyDeleteजहां जिस हाल में हो तुम सदा खुश रहना
ReplyDeleteहमें तो सदियों तक इंतजार का इरादा है.....
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...
"जहाँ जिस हाल में हो तुम सदा खुश रहना
ReplyDeleteहमें तो सदियों तक इंतजार का इरादा है!"
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विद्या जी!
अच्छी भावनाओं और कामनाओं लेकर लिखी गई आपकी रचना बहुत ही सुन्दर है!
सबसे बड़ी प्रसन्नता तो इस बात की है कि आप अहिन्दीभाषी होते हुए भी हिन्दी में स्रजन कर रहीं हैं। यदि कहीं कोई दिक्कत आये तो मैं आपकी सहायता के लिए तैयार रहूँगा!
आप लिखती रहिए शब्दों और छंदों में सुधार आता जाएगा।
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
आपका-
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
जहाँ जिस हाल में हो तुम सदा खुश रहना
ReplyDeleteहमें तो सदियों तक इंतजार का इरादा है!"
मेरा आपसे निवेदन है कि 16 अगस्त से आप एक हफ्ता देश के नाम करें, अन्ना के आमरण अनशन के शुरू होने के साथ ही आप भी अनशन करें, सड़कों पर उतरें। अपने घर के सामने बैठ जाइए या फिर किसी चौराहे या पार्क में तिरंगा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाइए। इस बार चूके तो फिर पता नहीं कि यह मौका दोबारा कब आए।
बहुत ही सुन्दर गीत लिखा है...आभार !!
ReplyDelete'करूंगा इंतजार कयामत तक उनके आने का
ReplyDeleteक्या पता उस रोज ही वो रहम खाएं'
वाह! गज़ब ढाने वाली लाइन...बहुत सुन्दर रचना...बधाई
हमें तो सदियों तक इंतजार का इरादा है
ReplyDeleteइंतज़ार की इंतहां, मोहब्बत की इंतहां ..!
जहां जिस हाल में हो तुम सदा खुश रहना
ReplyDeleteखुदा करे तुम्हारी ये दुआ काम आए ॥
हमें तो सदियों तक इंतजार का इरादा है
ReplyDeleteummeed karte hain ye intezaar khatm ho!
आप सभी ने मेरा ब्लॉग पे आके मुझे प्रोत्साहन दिए ,थैंक्स
ReplyDeleteरक्षाबन्धन के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteस्वतन्त्रतादिवस की भी बधाई हो!