Saturday, July 16, 2011

दर्द भरे दिल की आवाज

महिलाओ का दर्द 
मोहब्बत
रिश्ते नाते प्यार मोहब्बत
मेरे तो दुनिया थे वह मगर |

सब रह कर भी मेरे कोई नहीं 
मेरे तो दुनिया थे वह |

लगता है अब रो दू 
रिश्ते नाते प्यार मोहब्बत
सब छुट है |

प्यार को मै जब -जब तलास करती हु 
मिलता तो है 
मगर धोका ?

क्या करे ?
यह आसू पोछने वाला भी कोई 
नही है ?

सब है मगर कोई नही 
कितनी इतनी महिलाये  है 
वह कह नही सकती 
अपने ही अंदर घुटती   रहती है |

क्या करे वह?
सब अपने अंदर समा के रखती है |
क्या वह प्यार के हक दार नही ?


आप की क्या राय 

12 comments:

  1. बेहतरीन शब्‍द रचना ।

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  2. बहुत बढ़िया ब्लॉग

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  3. विद्या जी,
    आपका ब्लोग शानदार है !
    आपकी रचनाएं अच्छी हैं !
    बधाई !

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  4. जरुर प्यार की हक़दार हैं
    माँ बेटी बहन ||
    सब बड़े प्यारे रिश्ते हैं ||
    फिर निर्णय तो उसका अपना है ||
    अच्छे-बुरे सभी तरह के इन्सान भरे है इस दुनिया में |
    सहनशक्ति बढ़नी होगी ||

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  5. बहुत बेहतरीन शब्‍द रचना ।

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  6. प्रयास अच्छा है।
    थोड़ा त्रुटियों/अशुद्धियों पर भी ध्यान दें।
    हां, तस्वीर बहुत अच्छी लगाई है आपने।

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  7. सहज अभिव्यक्ति.उपरोक्त टिप्पणी पर अवश्य अमल करो.

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  8. नारी से ही दुनिया की शुरुआत होती है,
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  9. एक सहज सरल सी मगर दमदार रचना

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  10. बेहतरीन प्रस्तुती...

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  11. बहुत बेहतरीन शब्‍द रचना ।

    ReplyDelete

मैं अपने ब्लॉग पर आपका स्वागत करती हूँ! कृपया मेरी पोस्ट के बारे में अपने सुझावों से अवगत कराने की कृपा करें। आपकी आभारी रहूँगी।

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