Saturday, September 3, 2011

दर्द



प्यार करना कितना गुनाह है
हम ही उन्हें याद  करते हैं 
और  रोते हैं

वह तो बहुत हँसते रहते  है !
हम क्यों परेशान होते रहते है?

सोचती  हूँ  
कई  बार 
उन्हें याद न करूँ या न करूँ! 
मगर नहीं हो पाता है 
मुझ से यह,
क्या करू?


समझ नहीं पाती हूँ! 
रोती ही रह जाती हूँ!!

मन में उठते तूफान को,  
नहीं देख सकता कोई!
वह क्यों नहीं समझ पाता है
आँसुओं की भाषा को,  
क्यों भुला देता है 
मन की आशा को!
क्या करूँ???



14 comments:

  1. विरह-व्यथा और नारी की लाचारी का सुन्दर चित्रण किया है आपने इस रचना में!
    दिल की गहराइयों में डूबकर लिखी गई,
    सुन्दर अभिव्यक्ति को पढ़वाने के लिए आभार!

    ReplyDelete
  2. aanuonki bhasha samajhne ke liye ek dil ki jarurat hai , sundar bhav achhi lagi rachna

    ReplyDelete
  3. गहरे उतरते शब्‍द

    ReplyDelete
  4. विरह का सुन्दर चित्रण

    ReplyDelete
  5. दिल से लिखी विरह का सुन्दर चित्रण...

    ReplyDelete
  6. वराह के दर्द को बखूबी शब्दों में उतारा है आपने....

    ReplyDelete
  7. बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|

    ReplyDelete
  8. वाह! बहुत सुन्दर गीत...
    सादर...

    ReplyDelete
  9. पता नहीं क्यों एक शेर याद आ गया-
    रोने वाले तुझे रोने का सलीका भी नहीं,
    अश्क़ पीने के लिए है कि बहाने के लिए!
    ...बहुत सुन्दर...!!!

    ReplyDelete
  10. dardedil ki shandar dastan....yah chubhan bhi khas hai,,,har dil ko shayaad iska ehshas hai...lekin us khubsurti ka jisse kiya hai bayan aapne,,kuch aaur hi baat hai,,,lajab hai

    ReplyDelete
  11. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी "दर्द" की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी की लगाई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

    ReplyDelete
  12. जो ना समझे प्यार तेरा वो तेरा प्यारा कैसे है
    सुन्दर शब्द

    ReplyDelete

मैं अपने ब्लॉग पर आपका स्वागत करती हूँ! कृपया मेरी पोस्ट के बारे में अपने सुझावों से अवगत कराने की कृपा करें। आपकी आभारी रहूँगी।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

लिखिए अपनी भाषा में