वाह!बहुत खूब लिखा है आपने तो!दिल के ज़ज़्बात को बहुत सुन्दरता से पेश किया है आपने!--अच्छे मुक्तक लिखने के लिए आशीर्वाद!
बहुत ही बढ़िया। सादर
अध्यापकदिन पर सभी, गुरुवर करें विचार।बन्द करें अपने यहाँ, ट्यूशन का व्यापार।।छात्र और शिक्षक अगर, सुधर जाएँगे आज।तो फिर से हो जाएगा, उन्नत देश-समाज।। --अध्यापक दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर ,बेहतरीन अंदाज ..
अच्छी प्रस्तुति. मन के भाव शब्दों में उतर आये हैं
सुन्दर अभिव्यक्ति बधाई शिक्षक दिवस की बधाइयाँ
वाह! बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर गज़ल वाह वाह
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल....
bahut umda ghazal hai.very nice.
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति बधाई|
bhaut hi umda gazal...
bhaav poorn पोस्ट !तेरी हर याद छिपा लेतें हैं।दिल हर बात छिपा लेतें हैं।
Har bhav chhipaana hamaari niyti ban chuka haei ..
bahut khoobsurat.
अपनी हर पीर छिपा लेते हैं।नयन का नीर छिपा लेते है।तेरी रुसवाई के डर से जानम-तेरी तस्वीर छिपा लेते हैं।।...बहुत खूब ! लाजवाब प्रस्तुति.
bahut sunder bhav...........
bahut kuch chipa hai :)sundar kavita
वाह! बहुत सुन्दर **लाजवाब प्रस्तुति.
रोने का हक नहीं है हमको तो-इसलिए वक्त की कड़ियों को छिपा लेते हैं।बहुत सुंदर विचार.
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
बहुत सुन्दर सार्थक रचना आपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार
bahut sundar abhivyakti.
बहुत ही बढ़िया
अच्छे अशआर लिखती हैं आप -तेरी हर याद छिपा लेतें हैं।दिल हर बात छिपा लेतें हैं।हमको मिलते हैं प्यार में धोखे-अपने ज़ज्बात छिपा लेते हैं।।बहुत सुन्दर भाव और अर्थ की बेहद सार्थक प्रेरक रचना .बधाई !
बुधवार, ७ सितम्बर २०११किस्मत वालों को मिलती है "तिहाड़". http://veerubhai1947.blogspot.com/
सुन्दर भाव!
अच्छी रचना...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
मैं अपने ब्लॉग पर आपका स्वागत करती हूँ! कृपया मेरी पोस्ट के बारे में अपने सुझावों से अवगत कराने की कृपा करें। आपकी आभारी रहूँगी।
वाह!
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है आपने तो!
दिल के ज़ज़्बात को बहुत सुन्दरता से पेश किया है आपने!
--
अच्छे मुक्तक लिखने के लिए आशीर्वाद!
बहुत ही बढ़िया।
ReplyDeleteसादर
अध्यापकदिन पर सभी, गुरुवर करें विचार।
ReplyDeleteबन्द करें अपने यहाँ, ट्यूशन का व्यापार।।
छात्र और शिक्षक अगर, सुधर जाएँगे आज।
तो फिर से हो जाएगा, उन्नत देश-समाज।।
--
अध्यापक दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर ,बेहतरीन अंदाज ..
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति. मन के भाव शब्दों में उतर आये हैं
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति बधाई
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की बधाइयाँ
वाह! बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गज़ल
ReplyDeleteवाह वाह
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल....
ReplyDeletebahut umda ghazal hai.very nice.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति बधाई|
ReplyDeletebhaut hi umda gazal...
ReplyDeletebhaav poorn पोस्ट !
ReplyDeleteतेरी हर याद छिपा लेतें हैं।
दिल हर बात छिपा लेतें हैं।
Har bhav chhipaana hamaari niyti ban chuka haei ..
ReplyDeletebahut khoobsurat.
ReplyDeleteअपनी हर पीर छिपा लेते हैं।
ReplyDeleteनयन का नीर छिपा लेते है।
तेरी रुसवाई के डर से जानम-
तेरी तस्वीर छिपा लेते हैं।।
...बहुत खूब ! लाजवाब प्रस्तुति.
bahut sunder bhav...........
ReplyDeletebahut kuch chipa hai :)
ReplyDeletesundar kavita
वाह! बहुत सुन्दर **लाजवाब प्रस्तुति.
ReplyDeleteरोने का हक नहीं है हमको तो-
ReplyDeleteइसलिए वक्त की कड़ियों को छिपा लेते हैं।
बहुत सुंदर विचार.
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सार्थक रचना
ReplyDeleteआपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार
bahut sundar abhivyakti.
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteअच्छे अशआर लिखती हैं आप -
ReplyDeleteतेरी हर याद छिपा लेतें हैं।
दिल हर बात छिपा लेतें हैं।
हमको मिलते हैं प्यार में धोखे-
अपने ज़ज्बात छिपा लेते हैं।।
बहुत सुन्दर भाव और अर्थ की बेहद सार्थक प्रेरक रचना .बधाई !
बुधवार, ७ सितम्बर २०११
ReplyDeleteकिस्मत वालों को मिलती है "तिहाड़".
http://veerubhai1947.blogspot.com/
सुन्दर भाव!
ReplyDeleteअच्छी रचना...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
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