हकीक़त हो तुम कैसे तुझे सपना कहूँ ,
तेरे हर दर्द को अब मैं अपना कहूँ,
सब कुछ कुर्बान है मेरे यार तुझ पर,
कौन है तेरे सिवा जिसे मैं अपना कहूँ
अपनों को जब अपने खो देते हैं,
तनहाइयों में वोह रो देते हैं,
क्यूँ इन पलकों पर बैठाते हैं लोग उनको ,
जो इन पलकों को अक्सर आंसुओ से भिगो देते हैं
जब भी याद आते हो मुस्कुरा लेते हैं ,
कुछ पलों के लिए हर गम भुला देते हैं,
कैसे भीग सकते हैं आपकी पलकें,
आपके हिस्से के आंसू तो हम बहा लेते हैं...
अरे वाह!
ReplyDeleteआज तो मुक्तकों के साथ सदाबहार फिल्मी गाने भी हैं!
जवाब नहीं आपकी प्रस्तुति का विद्या जी!
bahut khoobsurat vidya jee
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी और खुबसूरत रचना .....गाने भी बड़े प्यारे हैं
ReplyDeleteख़ूबसूरत रचना | सुन्दर अभिव्यक्ति |
ReplyDeleteमेरी नई रचना देखें-
**मेरी कविता: हिंदी हिन्दुस्तान है**
सुन्दर रचना |
ReplyDeleteखुबसूरत रचना....
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी और खुबसूरत रचना|
ReplyDeletebhaut hi khubsurat...
ReplyDeleteअपनों को जब अपने खो देते हैं,
ReplyDeleteतनहाइयों में वोह रो देते हैं,
क्यूँ इन पलकों पर बैठाते हैं लोग उनको ,
जो इन पलकों को अक्सर आंसुओ से भिगो देते हैं
bahut badhiyaa
दूसे के हिस्से के आंसू बहा लेना आसान नहीं होता ... ये प्रेम की इन्तहा है ...
ReplyDeletebahut sunder bhav.............
ReplyDeleteखुबसूरत रचना. सदाबहार फिल्मी गाने भी
ReplyDeleteअनूठा अंदाज अभिव्यक्ति का. स्वागत.
ReplyDeleteसर्द अहसास और भावनाओं का अनूठा मिश्रण ..
ReplyDeleteतीनों ही मुक्तक बहुत ही मन से लिखे गये हैं इसीलिये सीधे मन को छू गये.सदाबहार गीतों ने सोने पर सुहागा कर दिया.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteशुक्रवार-http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteसभी अशआर खूबसूरत ...सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeletewonderful posts...
ReplyDeleteजब भी याद आते हो मुस्कुरा लेते हैं ,
ReplyDeleteकुछ पलों के लिए हर गम भुला देते हैं,
कैसे भीगा सकते हैं आपकी पलकें,
आपके हिस्से के आंसू तो हम बहा लेते हैं...बहुत ही खूबसूरत समर्पण |
every thing wonderful.
ReplyDeleteक्या बात है ! बड़ी गहराई ली हुई पंक्तियाँ !!
ReplyDeleteबहुत गहन भावों को शब्दों में पिरोया है आपने।
ReplyDeleteखुबसूरत संगीतमय प्रस्तुति के लिये बधाई.
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