गोलू चेन्नई मे बहुत सुन्दर से सजाई जाती है
गोलू का मतलब है कि:
नया dolls सजाये जाते है यह नवरात्रि से शुरुवात होती है|
नवरात्रि के नोऊ दिन सुबह शाम पूजा करनी पढ़ती है |
हर रोज कुछ न कुछ भोग चढ़ाया जाता है |
सुन्डल(ड़ाल) का मतलब है :
ड़ाल मे नारियल ड़ाल के बनाना पड़ता है बनाके चढ़ाया जाता है|
और नोऊ दिन शादी सुधा औरत कन्या लड़कियु को बुलाकर
उन्हें पान सुपारी दान मे दिया जाता है
और जिनके पास सामर्थ्य अच्छा है
तो वह उन्हें घऱ बुलाकर खाना खिलाया जाता है |
दान मे वस्त्र दान किया जाता है |
नया - २ कपडे पहन कर फिर हम सब दूसरो के घऱ जाकर
पान सुपारी लेते है सुंडल खाते है |
बहुत मजा आता है इन ९ दिनों मे
बहुत कुछ इतना सुंदर लगता है कि
जैसे हमें उछलने-कूदने की छूट मिल गई है!
बहुत सुन्दर सजाया है| दर्शन करने के लिए धन्यवाद|
ReplyDeletevery nice
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सजाया है ...नवरात्रि की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteचेन्नई के गोलू की जानकारी देने के लिए आभार!
ReplyDelete--
बहुत सुन्दर सजाया है आपने इसको!
अच्छी जानकारी मिली ..
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