आज सितम्बर चौदह है, ये दिवस हमारी हिन्दी का। आज बढ़ाना मान हमें है, भारत माँ की बिन्दी का।। मित्रों! मेरी मातृभाषा तमिल है। लेकिन मैं अपनी राष्ट्र भाषा हिन्दी को बहुत प्यार करती हूँ। मैं जिस भाषा को सबसे ज्यादा प्यार करती हूँ। उसके लिए मैं अपने प्राण भी समर्पित करने से कभी नहीं पीछे हटूँगी। -- निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को शूल।। -- |
Wednesday, September 14, 2011
दिवस हमारी हिन्दी का....
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मेरे उदगार
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विद्या जी!
ReplyDeleteराश्ट्रभाषा के प्रति आपका अनुराग देखकर अभिभूत हो गया हूँ!
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आपको नमन करता हूँ।
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हिन्दी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
हिन्दी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना |
ReplyDeleteमेरी नई रचना देखें-
**मेरी कविता:हिंदी हिन्दुस्तान है**
Rashmi ji
ReplyDeletesundar rachna ke liye badhai sweekaren.
मेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं
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ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल
अच्छे व प्यारे शब्द।
ReplyDeletebahut achchi bhaavna hai raashtra bhaasha ke prati.aapko salute.bahut achcha likha hai aapne.badhaai aapko.
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