बहुत सुन्दर आरती | धन्यवाद|
वाह! क्या बात है...मुद्दत बाद आज आपकी तश्वीर देखकर बहुत अच्छा लगा
बहुत सुन्दर और भक्तिपूर्ण...
आपको बहुत बहुत बधाई --इस जबरदस्त प्रस्तुति पर ||
बहुत सुन्दर ......आनंद आ गया
ji bhaut hi khubsurat song hai...
बहुत सुन्दर आरती
खूबसूरत रचना , बहुत सुन्दर प्रस्तुति
बहुत ही भावपूर्ण आरती
बहुत सुन्दर मधुर आरती...
खूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति....
कर्ण प्रिय मधुर ,रुचिकर धन्यवाद /
bahut hee sundar
सचमुच लाजवाब...------क्यों डराती है पुलिस ?घर जाने को सूर्पनखा जी, माँग रहा हूँ भिक्षा।
बहुत सुंदर भक्तिमय वंदना।सुनने से मन को शांति मिलती है।
गणेश विसर्जन के भक्तिमय वातावरण में इतनी सुंदर शब्द-रचना सुना कर भाव-विभोर कर दिया.
मनभावन प्रस्तुति ......!
♥ आदरणीया विद्या जी सादर सस्नेहाभिवादन ! अच्युतम् केशवम् सुन कर मन प्रसन्न हो गया … आभार ! यह भक्ति रचना मेरे पास एम.एस.सुब्बूलक्ष्मीजी के मधुर स्वर में गाई हुई भी उपलब्ध है … विविध रंग और रस यूं ही बांटती रहें … !आपको सपरिवारबीते हुए हर पर्व-त्यौंहार सहित आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए ♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत सुन्दर
net slow hone ki vajah se ruk ruk kar khul paya link ..........
मैं अपने ब्लॉग पर आपका स्वागत करती हूँ! कृपया मेरी पोस्ट के बारे में अपने सुझावों से अवगत कराने की कृपा करें। आपकी आभारी रहूँगी।
बहुत सुन्दर आरती | धन्यवाद|
ReplyDeleteवाह! क्या बात है...मुद्दत बाद आज आपकी तश्वीर देखकर बहुत अच्छा लगा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और भक्तिपूर्ण...
ReplyDeleteआपको बहुत बहुत बधाई --
ReplyDeleteइस जबरदस्त प्रस्तुति पर ||
बहुत सुन्दर ......आनंद आ गया
ReplyDeleteji bhaut hi khubsurat song hai...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और भक्तिपूर्ण...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर आरती
ReplyDeleteखूबसूरत रचना , बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही भावपूर्ण आरती
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मधुर आरती...
ReplyDeleteखूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति....
ReplyDeleteकर्ण प्रिय मधुर ,रुचिकर धन्यवाद /
ReplyDeletebahut hee sundar
ReplyDeleteसचमुच लाजवाब...
ReplyDelete------
क्यों डराती है पुलिस ?
घर जाने को सूर्पनखा जी, माँग रहा हूँ भिक्षा।
बहुत सुंदर भक्तिमय वंदना।
ReplyDeleteसुनने से मन को शांति मिलती है।
बहुत सुन्दर आरती
ReplyDeleteगणेश विसर्जन के भक्तिमय वातावरण में इतनी सुंदर शब्द-रचना सुना कर भाव-विभोर कर दिया.
ReplyDeleteमनभावन प्रस्तुति ......!
ReplyDelete♥
ReplyDeleteआदरणीया विद्या जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
अच्युतम् केशवम् सुन कर मन प्रसन्न हो गया … आभार !
यह भक्ति रचना मेरे पास एम.एस.सुब्बूलक्ष्मीजी के मधुर स्वर में गाई हुई भी उपलब्ध है …
विविध रंग और रस यूं ही बांटती रहें … !
आपको सपरिवार
बीते हुए हर पर्व-त्यौंहार सहित
आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
♥ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत सुन्दर
ReplyDeletenet slow hone ki vajah se ruk ruk kar khul paya link ..........
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