Thursday, September 22, 2011

प्यार, विश्वास या भरोसा आप कहे

प्यार   ऐसा   वह  रिश्ता  है 
जो  भुलाये से   भी  
हम  भूल  नहीं  सकते  है 
क्या  यह  सच  है ??
सच  है न ||

जितनी   भी  कोशिश  कर  लो 

 मगर  एक वक्त   ऐसा---

वह  हमारे  आखो  के  सामने  आ  ही जाता  है 
क्या  यही  प्यार  की  गहराई  है ||    
  है न ||



10 comments:

  1. बहुत सुन्दर!
    इस जीवन की यही सच्चाई है
    और मजबूरी भी!

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  2. सुन्दर प्रस्तुती.....

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  3. बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  4. विद्या जी
    नमस्कार,
    आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|

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  5. बेहतरीन भावाभिव्यक्ति ...

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  6. ये सच है ... प्रेम बयान हो ही जाता है कभी न कभी ... अच्छा लिखा है ...

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  7. सही कहा है, बेहतरीन प्रस्‍तुति|

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