Sunday, July 31, 2011

विज्ञान ने लाभ तथा हानिया

विज्ञान ने लाभ तथा हानिया 
आज विज्ञान का युग है  मनुष्य कम से कम मेहनत करके सुख पाना चाहता
 है| उसके लिए  तरह तरह के मशीने  बनाता जा रहा है | नई- नई चीजो का 
आविष्कार करता  जा रहा है |इसी  का नतीजा  है -- बिजली ,रेडियो ,कंप्यूटर 
सेलफोने आदि ||

विज्ञानं हमारे जीवन के लिए एक वरदान  है |चिकित्सा ,इंजीनियरिग  आदि के 
संबंध में बहुत उन्नति की है | विज्ञानं  के कारण मनुष्य अधिक सभ्य बन गया है |

 सारे कम बिजली ले द्रारा ही होते है | बिजली को अपने जीवन से अलग नही किया जा सकता |विज्ञानं की सहायता के ही समाचार - पत्र ,किताबे आदि छपते है |खेतो में अनाज की उपज बढ़ाने के लिए ट्रेक्टर  बनाये गये है कपड़ो की जरूरत पूरी करने के लिए तरह तरह  की मशीने बनाई गई|विज्ञानं  की मदद से कम समय में अधिक चीजे बनाई जाती है 

देश की रक्षा के  लिए विज्ञानं की मदद से मनुष्य ने तरह तरह के हथियार  बनाये | लेकिन साथ ही इन हथियारों से देशो का नाश भी करते है |विज्ञानं के कारण बेकारी और बेरोजगारी बढती जा रही है |

विज्ञानं से मनुष्य  की जरूरते बढ़ गयी  है |इसमे मनुष्य और दुखी होता है
इस तरह विज्ञानं एक तरह से वरदान है तो दूसरी तरह से शाप भी है |

Saturday, July 30, 2011

मेरे पापा की कहावत

 काशी जैसी भोर नहीं, 

बंबई जैसी शाम नहीं,
कोलकाता जैसी रात नहीं। 


कासी मुनडनम 
गया पिनडनम
ईलाहाबाद स्नानं 


सब तीर्थ बार बार 
गंगा सागर एक बार 

Friday, July 29, 2011

eek choti kahani

सावन का महिना 
शिव जी का कथा
कैसा  रहा कहिये 

Thursday, July 28, 2011

मोर हमारे राष्टीय पंक्षी है |


जंगल में देखा है मोर
कर देता है भाव विभोर।

पंखों को फैला फैला
नाचे फुदके चारों ओर।
मोर पंख कितने सुंदर
चमकीले रंगीले कोर।
इसकी चाल
बहुत मस्तानी!
रंग-रँगीली 
पूँछ सुहानी!

काले काले बदल इसको भाते 
देख इन्हे यह पिहू पिहू का गीत सुनते
आ गया बारिश का  मौसम 

Tuesday, July 26, 2011

क्यों करें भगवान से पहले गुरु की पूजा

भगवान से पहले गुरु                              

 हिन्दू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा (इस वर्ष २५ जुलाई) गुरु भक्ति को समर्पित गुरु पूर्णिमा का दिन भी है। भारतीय सनातन संस्कृति में गुरु को सर्वोपरि माना है। वास्तव में यह दिन गुरु के रुप में ज्ञान की पूजा का है। गुरु अज्ञान रुपी अंधकार से ज्ञान रुपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरु धर्म और सत्य की राह बताते हैं। गुरु से ऐसा ज्ञान मिलता है, जो जीवन के लिए कल्याणकारी होता है। 

गुरु शब्द का सरल अर्थ होता है- बड़ा, देने वाला, अपेक्षा रहित, स्वामी, प्रिय यानि गुरु वह है जो ज्ञान में बड़ा है, विद्यापति है, जो निस्वार्थ भाव से देना जानता हो, जो हमको प्यारा है। गुरु का जीवन में उतना ही महत्व है, जितना माता-पिता का। माता-पिता के कारण इस संसार में हमारा अस्तित्व होता है। किंतु जन्म के बाद एक सद्गुरु ही व्यक्ति को ज्ञान और अनुशासन का ऐसा महत्व सिखाता है, जिससे व्यक्ति अपने सद्कर्मों और सद्विचारों से जीवन के साथ-साथ मृत्यु के बाद भी अमर हो जाता है। यह अमरत्व गुरु ही दे सकता है। सद्गुरु ने ही भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बना दिया। इसलिए गुरुपूर्णिमा को अनुशासन पर्व के रुप में भी मनाया जाता है। इस प्रकार व्यक्ति के चरित्र और व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास गुरु ही करता है। जिससे जीवन की कठिन राह को आसान हो जाती है। 
जब अध्यात्म क्षेत्र की बात होती है तो बिना गुरु के ईश्वर से जुडऩा कठिन है।
 गुरु से दीक्षा पाकर ही आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान प्राप्त होता है। 
हिन्दु धर्म ग्रंथों में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश माना गया है। 

गुरुब्र्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरा:।

गुरुर्साक्षात् परब्रह्मï तस्मै: श्री गुरुवे नम:॥

सार यह है कि गुरु शिष्य के बुरे गुणों को नष्ट कर उसके चरित्र, व्यवहार और जीवन को ऐसे सद्गुणों से भर देता है। जिससे शिष्य का जीवन संसार के लिए  एक आदर्श बन जाता है। ऐसे गुरु को ही साक्षात ईश्वर कहा गया है। इसलिए जीवन में गुरु का होना जरुरी है।

साबूदाना वडा (Sabudana Vada)

साबूदाना  वडे खाने में बहुत ही स्वाद और हलके भी होते है| 
इसे हम मुख्य रूप से नवरात्रों पर 
या अन्य किसी भी मौके पर मज़े से बना कर खा सकते है |



  • साबूदाना   1 कप 


  • मूंगफली (भुनी हुई)  ½ कप 



  • आलू (उबले हुए ) 3



  • हरी मिर्च  2



  • धनिया  ½ कप 



  • अदरक  (कसा हुआ )  2” इंच 



  • सेंधा नमक  स्वादानुसार



  • तेल तलने के लिए 




      
    1.साबूदाने को धो कर, साफ़ पानी में दो धंटे के लिए भिगो कर रख दे|
    2.मूंगफली का छिलका उतार कर उसे कूट ले|
    3.दो धंटे बाद साबूदाने को पानी से निकाल कर, धूप में एक छलनी में सुखा दे|
    4.अब आलू उबाल कर उनका छिलका उतार ले|
    5.अब सुखा हुआ साबूदाना एक डोंगे में ले और उसमे कुट्टी हुई मूंगफली, 
       बारीक कटी हुई हरी मिर्च, कसा हुआ अदरक, उबले आलू (कसे हुए या पिसे हुए), कटा हुआ
       हरा धनिया और सेधा नमक डाल कर अच्छे से मिलाये|
6.अब इस मिश्रण में से थोडा सा मिश्रण अपनी हथेली पर हल्का सा घी लगा कर ले|
7.अब इसे गोल आकर दे और अपनी हथेली से हल्का सा दबा कर वडे का आकार दे|
8.बाकी बचे मिश्रण के भी इसी प्रकार से वडे बनाए|
9.अब तेल को तेज गरम करके उसमे बनाए हुए वडे चार चार तेल में डाल कर तले| 
  इन्हें तलते समय बार बार पलटते रहे ताकि यह दोनों तरफ से अच्छे से सुनहरी रंग के हो जाए, 
  और तब इन्हें घी से निकाल ले|
10.इस बात का ख़ास ध्यान रखे के वडे तेज़ आंच पर ही पकाए|

Monday, July 25, 2011

वह मेरी हर कविता की शुरुआत.


वह जो मेरा है
मेरे पास होकर भी मुझ से बहुत दूर है.
पास आने के मेरे उसके खयाल
आश्चर्य का छायाचित्र बन दीवार पर टँगे हैं,
द्विआयामी अस्तित्व में हम अवाक देखते हैं
हमारे बीच की ऊँची दीवार.

मेरे लिए भी कोई सोचता है
अँधेरे में तारों की रोशनी में उसे देखता हूँ
दूर खिड़की पर उदास खड़ी है. दबी हुई मुस्कान
जो दिन भर उसे दिगन्त तक फैलाए हुए थी
इस वक्त बहुत दब गई है.

अनगिनत सीमाओं पार खिड़की पर वह उदास है.
उसके खयालों में मेरी कविताएँ हैं. सीमाएँ पार
करते हुए गोलीबारी में कविताएँ हैं लहूलुहान.

वह मेरी हर कविता की शुरुआत.

Saturday, July 23, 2011

विद्या की कविता

मेरी अम्मा एक पिटारी यादों की
मीठी लोरी लाड-प्यार की बातों की।

मैं सूरज हूं उसका, चांद-सितारा हूं
झड़ी लगाती हर दम आशीर्वादों की।

वक्त झुका है हर दम जिसके कदमों में
मां फौलादी  ”औ” मजबूत इरादों की

किसने देखा है ईश्वर मां से बढ़कर
अर्ज करें हम जिससे निज फरियादों की।

ममता, करूणा और दया की मूरत मां
द्रवित होती दुनियां देख अनाथों की

सबको भोजन चिड़ियों को चुग्गा-पानी
देती हर दम मां गठरी सौगातों की

पोते संग हंसते देका तो समझा हूं
क्या होती है खुशी  ”हर्ष” औलादों की।

Friday, July 22, 2011

जल ही जीवन है

पानी की बचत करे और संरक्षित करे


जल ही जीवन है आज भारत ही नही वरण संपूर्ण विश्व मे सबसे बड़ी समस्या है गिरते भू जल स्तर की . आज सभी पानी की समस्या को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है आने वाले समय मे यदि पानी की राशानिंग कर दी जाए तो कोई आश्चर्य ना करेगा और बर्तमान स्थिति को देखते हुए भविष्य मे पानी की पर्याप्त प्रचुरता हो और अगली पीढ़ी को पानी पीने को मिले . आज हम सजग ना हुए तो अगली पीढ़ी हमे माफ़ ना करेगी. जल को संरक्षित करने के लिए उपाय. 
भू जल क म है . बदते शहरीकरण के कारण गहरे बोर वेलो के पानी की सतह बहुत नीचे पहुच गयी है उसका पोषण करना बहुत ज़रूरी हो गया है. कुछ सा दी तकनीको को अपनाकर हम जल को संरक्षित कर सकते है. यह वाटर हावेस्टिंग सिस्टम ही आगामी पीडी को प्यासा मरने से बचा सकती है. अपने घर की छत का पानी का पानी एकत्रित कर अपने बोर वेल को चार्ज कर सकते है इसके कारण आपके घर के आसपास का जल स्तर बढ़ जावेगा. इतना महत्वपूर्ण है की एक घंटे की बारिश आपको एक साल का पानी उपलब्ध करा सकती है. 


यदि 1000 फीट की छत है और एक सेंटी मीटर बारिश होती है तो लगभग 1000 लीटर पानी एकत्रित होता है और यदि एक साल मे यदि 40 इंच बारिश होती है तो एक लाख लीटर पानी भू टाल मे जावेगा. इस भू जल की गुणबत्ता भी बढ़ेगी और यह डिसटिल वाटर से भी अधिक शुद्ध होता है . 
याद रखे पानी एक एक बूँद क़ीमती है जल ही जीवन है .कृपया जल को सरक्षित करने का संकल्प ले . 

मै और हम सब 

Thursday, July 21, 2011

तमिलनाडु मे aadi valli का पूजा मनाया जाता है |

Sarkarai Kappu for Matha Bhuvaneswari

aadi velli विशेष पूजा तमिल clendar २०११ के अनुसार , aadi velli 22july , 5th अगस्त और 12 अगस्त के तिथीaadi महीने में शुक्रवार को होता  है.सभी चार friday.Devotees के बीच पहली और aadi महीने में तीसरेशुक्रवार बहुतही शुभ रहे हैं इन दिनों पर देवी शक्ति मंदिर की यात्रा औरउनके परिवारों के कल्याण और समृद्धि के लिए विशेष पूजा की पेशकश.पर जाकर और चेन्नई के आसपास तीन aadi velli का एक ही दिन परshakti मंदिरों को विशेष पूजा की पेशकश शुभ विस्वाश  देवी शक्ति के तीन मंदिर हैं: Thiruvudai अम्मान कोइल मंदिर, vadivudai अम्मान कोइल मंदिर, और kodiyida.

Ichchaa Sakthi (Thiruvudai Amman) -The Sakthi who will fulfill 
                         devotees wishes.
Gnaana Sakthi (Vadivudai Amman) - The Sakthi who will bless 
                          us with knowledge.
Kriyaa Sakthi (Kodiyidai Amman) - The Sakthi who assists us 
                        in all our actions and attempts.

ARISI PAYASAM / RICE PAYASAM FOR THAI वेल्ली

प्रसाद 

Read phonetically


कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है ।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है ।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है ।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में ।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो ।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम ।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती !



Wednesday, July 20, 2011

आज का विचार

पैसे से खुशियाँ नहीं ख़रीदी जा सकती लेकिन 
वो बहुत सारी तक़लीफ़ों को कम कर देता है।

इतने मधुर न हों कि लोग आपको निगल लें, 
और इतने कटु भी नहीं कि वे आपको उगल दें।



**सप्ताह का विचार**

1.फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं, 
 संपत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं। परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा है। 
 - तुलसीदास

2.चाहे गुरु पर हो या ईश्वर पर, श्रद्धा अवश्य रखनी चाहिए। 
  क्यों कि बिना श्रद्धा के सब बातें व्यर्थ होती हैं।
  - समर्थ रामदास

3.जिस प्रकार रात्रि का अंधकार केवल सूर्य दूर कर सकता है, 
  उसी प्रकार मनुष्य की विपत्ति को केवल ज्ञान दूर कर सकता है।
  - नारदभक्ति

4.जय उसी की होती है जो अपने को संकट में डालकर कार्य संपन्न करते हैं।
  जय कायरों की कभी नहीं होती।
  - जवाहरलाल नेहरू

5.मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से लोभ को दान से 
  और झूठ को सत्य से जीत सकता है।
  - गौतम बुद्ध

6.लोहा गरम भले ही हो जाए पर हथौड़ा तो ठंडा रह कर ही काम कर सकता है।
 - सरदार पटेल

7.जिस मनुष्य में आत्मविश्वास नहीं है वह शक्तिमान हो कर भी कायर है
  और पंडित होकर भी मूर्ख है।
- राम प्रताप त्रिपाठी

8.समय परिवर्तन का धन है। परंतु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के 
  रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं।
 - रवींद्रनाथ ठाकुर

9.मुस्कान थके हुए के लिए विश्राम है, उदास के लिए दिन का प्रकाश है
  तथा कष्ट के लिए प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार है।
  - अज्ञात

10.जिस काम की तुम कल्पना करते हो उसमें जुट जाओ। साहस में प्रतिभा, 
   शक्ति और जादू है। साहस से काम शुरु करो पूरा अवश्य होगा। 
  - अज्ञात

Tuesday, July 19, 2011

पेड़ लगाना

अगर आज पेड़ लगाने का संकल्प नहीं किया तो कब करेगे ....अभी भी हाँथ मे रेत की तरह फिसलता वक़्त आवाज़ लगा रह है की खुद को बचा लीजिये और हमें भी । जो छोटा सा पौधा महीनो- सालो के सफ़र के बाद एक पेड़ बनता है उसको मारना -काटना बंद करना होगा । नहीं तो जब पेड़ ही नहीं बचेगे तो हमारे बचने का सवाल ही कहा बनता है।अब खुद को इतना स्वार्थी भी ना बना ले की अपनी ही जड़ो को काटते चले जाये और जब कहर का पहाड़ हम पर टूटे तो गला फार -फार के .....आवाज़ लगाये और कोंई सुन ना पाए । संकल्प करे तभी हम बचा लेगे धरती को .......

 पेड़ लगाने 

Monday, July 18, 2011

रामबाण है पुदीना

संसार ने माना, पेट दर्द में रामबाण है पुदीना
वाशिंगटन। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि पुदीना अपच के कारण हुए पेट दर्द या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से राहत दिलाने में काफी मददगार होता है।
पुदीना मानव मलाशय में एक "दर्द निवारक" चैनल को सक्रिय करता है और जठरांत्रिय नली में जलन पैदा करने वाले दर्द को कम करता है। एडिलेड यूनिवर्सिटी की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय दल के प्रमुख अध्ययनकर्ता डा. स्टुअर्ट ब्रिरले ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सकसालों से पुदीने को पेट दर्द की दवा के तौर पर मरीजों को देते रहे हैं लेकिन अभी तक इसके कोई क्लीनिकल सबूत नहीं मिले थे कि यह दर्द से राहत दिलाने में इतना मददगार कैसे होता है। डा. स्टुअर्ट के अनुसार हमारा शोध दर्शाता है कि पुदीना एक विशेष दर्दनिवारक चैनल के जरिए काम करता है जिसे टीआरपीएम 8 कहा जाता है।
पुदीना सरसों और मिर्च के कारण हुए पेट दर्द को विशेष रूप से इन दोनों तत्वों की पहचान कर दर्द को कम करता है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम एक जठरांत्रिय विकृति है जिसके चलते पेट में दर्द, पेट फूलना, दस्त और कब्ज होती है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम का कोई उपचार नहीं है और हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी में कभी कभी इसका सामना करना प़डता है। जठरांत्रिय और कुछ विशेष खाद्य पदार्थो के प्रति अस्वीकार्यता के अलावा इरिटेबल बाउल सिंड्रोम खाद्य विषाक्तता, तनाव, एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभाव से और कुछ मामलों में आनुवांशिक भी हो सकता है।
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